TOP GUIDELINES OF HINDI KAHANI

Top Guidelines Of hindi kahani

Top Guidelines Of hindi kahani

Blog Article

hindi kahani

अर्थात अच्छी संगति का संगत करना चाहिए।

विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा।

भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा-लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती

आज सुरसिंह को अकेला देख सियार का झुंड टूट पड़ा। आज सियार को बड़ा शिकार मिला था।

जब वह कुछ दिन बाद विद्यालय पहुंचा वहां, प्रधानाचार्य ने उन सभी बालकों को बुलाया जिन्होंने परेड में भाग नहीं लिया था। इस पर रमेश का नाम नहीं पुकारा गया , बाकी सभी विद्यार्थियों को उनके अभिभावक को लाने के लिए कहा गया। रमेश ने सोचा कि मेरा नाम प्रधानाचार्य ने नहीं बोला लगता है वह भूल गए होंगे। रमेश प्रधानाचार्य के ऑफिस में गया और उसने प्रधानाचार्य से कहा कि मैं भी उस दिन परेड में नहीं आया था।

इमेज कैप्शन, मंटो की इस कथा संग्रह में टोबा टेक सिंह, काली सलवार और तमाशा जैसी कई कहानियाँ संकलित हैं.

एक दिन जब बरसात तेज हो रही थी। तभी सुरीली के बच्चों को जोर से भूख लगने लगी। बच्चे खूब जोर से रोने लगे, इतना जोर की देखते-देखते सभी बच्चे रो रहे थे। सुरीली से अपने बच्चों के रोना अच्छा नहीं लग रहा था। वह उन्हें चुप करा रही थी, किंतु बच्चे भूख से तड़प रहे थे इसलिए वह चुप नहीं हो रहे थे।

हमें आज तक इस तालाब का पता क्यों नहीं चला। काफी समय हो गया था संध्या हो चुकी थी इसलिए दोनों आपस में बात करते हुए वहां से लौट गए कि कल आकर यहां पर जाल बिछाया जाएगा। यह बाततालाब में बैठी तीन दोस्त मछलियो सुन ली। उन्होंने आपस में मंत्रणा की कि यह बात पक्की हो गई कि अगले दिन मछुआरा आकर यहां जाल बिछाएगा और हम सभी को पकड़ लेगा।

एक दिन श्याम खेल-खेल में लकड़ी से कुछ बर्तन बना रहा था, इस पर मदन और उनकी पत्नी यानी कि श्याम के मम्मी-पापा ने डांट लगाई और कारण पूछा कि यह क्या कर रहे हो?

वह भी अलग अलग नैतिक मूल्यों पर आधारित जो पढ़ने वाले व्यक्ति को जरूर ही कुछ न कुछ फायदा पहुचाएंगे

रानी ने सोचा क्यों ना इसे घर ले चलूँ , घर वाले भी खाएंगे।

राम अपने भाई श्याम को उन दोस्तों से बचने के लिए कहा करता, मगर श्याम उसे डांट लगा देता और कहता अपने काम से काम रखा करो। श्याम के दोस्त घर से स्कूल जाने के लिए निकलते और रास्ते में कहीं और चले जाते।

मोरल – अभ्यास किसी भी कार्य की सफलता की पहली सीढ़ी होती है।

इतालो काल्विनो की कहानी : 'थेफ्ट इन केक शॉप' जो आज की अर्थनीति से बनाए-गढ़े जानेवाले समाज का एक महत्वपूर्ण क्रिटीक है, 'कफ़न' की बेतहाशा याद आती है.

Report this page